यह कहानी है मुंबई की रहने वाली शीला चौधरी की, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से एक छोटे से बिज़नेस को करोड़ों के कारोबार में बदल दिया। शीला का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे और मां गृहिणी। परिवार में पैसों की तंगी के बावजूद, उनके माता-पिता ने उनकी पढ़ाई पर कभी कोई समझौता नहीं किया। शीला हमेशा से पढ़ाई में अव्वल थीं और उन्होंने अपनी मेहनत से एमबीए की डिग्री प्राप्त की।
शीला की शादी 23 साल की उम्र में एक साधारण परिवार में हुई। उनके पति एक छोटी सी नौकरी करते थे और घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था। शीला को हमेशा से कुछ अलग करने की चाह थी, लेकिन शादी के बाद उन्होंने अपने सपनों को दबा दिया। जब उनके दो बच्चे हुए, तो घर की जिम्मेदारियां बढ़ गईं। एक दिन, जब उनका बेटा बीमार हुआ और इलाज के लिए पैसे नहीं थे, तब शीला ने ठान लिया कि अब वह अपने सपनों को साकार करेंगी।
शीला ने अपने घर से ही छोटे स्तर पर केक बनाने का काम शुरू किया। शुरुआत में, उन्होंने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को केक बनाकर बेचे। धीरे-धीरे, उनके केक की गुणवत्ता और स्वाद के कारण उनकी मांग बढ़ने लगी। उन्होंने अपने बिज़नेस का नाम “शीला’ज़ बेकरी” रखा और सोशल मीडिया का सहारा लिया। उनके बनाए केक की तस्वीरें देखते ही देखते वायरल होने लगीं और लोग ऑर्डर देने लगे।
जब बिज़नेस बढ़ने लगा, तो उन्होंने अपने पति की मदद ली और एक छोटा सा केक शॉप खोला। लेकिन मुश्किलें यहां भी खत्म नहीं हुईं। कई बार आर्थिक समस्याएं आईं, तो कभी कच्चे माल की कमी हो गई। पर शीला ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने कर्मचारियों को खुद ट्रेनिंग दी और एक मजबूत टीम बनाई। उन्होंने अपने केक में गुणवत्ता का खास ध्यान रखा और ग्राहकों के सुझावों को भी प्राथमिकता दी।
उनकी मेहनत रंग लाई, और शीला की बेकरी को शहर भर में पहचान मिलने लगी। उनका केक शॉप अब केवल एक दुकान नहीं रह गया था, बल्कि एक ब्रांड बन चुका था। उनकी खासियत थी कि वह हर त्यौहार और विशेष अवसर के लिए कस्टमाइज्ड केक बनाती थीं, जो लोगों को बहुत पसंद आते थे।
आज “शीला’ज़ बेकरी” सिर्फ मुंबई में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में एक बड़ा नाम बन चुका है। शीला ने अपनी मेहनत और लगन से अपने बिज़नेस को करोड़ों के टर्नओवर में बदल दिया। अब उनके पास 50 से अधिक कर्मचारी हैं और कई आउटलेट्स भी हैं। शीला को उनके योगदान और सफलता के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया है।
शीला का कहना है, “हर महिला में एक ताकत होती है, बस उसे पहचानने और उसे सही दिशा में लगाने की जरूरत है। मुश्किलें आएंगी, लेकिन अगर हौसला बुलंद हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं है।”
उनकी यह कहानी उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं। शीला ने साबित कर दिखाया है कि मेहनत, लगन, और विश्वास से कोई भी महिला अपने सपनों को साकार कर सकती है।